UP Social Media Policy 2024

UP Social Media Policy 2024 उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 अगस्त 2024 को ‘उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024’ को लागू करने की घोषणा की। इस नई नीति का उद्देश्य प्रदेश के जनकल्याणकारी योजनाओं और उनके लाभों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना है। इसके तहत, सोशल मीडिया पर सक्रिय डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को प्रति माह ₹8 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस लेख में, हम इस नीति की मुख्य विशेषताओं, लाभ, शर्तें और विपक्ष की प्रतिक्रियाओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

UP Social Media Policy 2024: मुख्य उद्देश्य और लाभ

उत्तर प्रदेश की डिजिटल मीडिया नीति-2024 का उद्देश्य प्रदेश सरकार की योजनाओं और उनकी उपलब्धियों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाना है। सरकार का मानना है कि डिजिटल मीडिया के प्रभावशाली प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से योजनाओं की जानकारी तेजी से और प्रभावी तरीके से जनता तक पहुंचाई जा सकती है। इसके साथ ही, यह नीति डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स और कंटेंट क्रिएटर्स को प्रोत्साहन देने का भी काम करेगी, जिससे वे सरकार की योजनाओं को बढ़ावा देने में सहायक होंगे।

मुख्य लाभ:

  1. आर्थिक सहायता : डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को उनकी फॉलोइंग और सक्रियता के आधार पर प्रति माह ₹8 लाख तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
  2. प्रमाणिकता और पारदर्शिता: इस नीति के तहत, चयनित डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को सरकारी विज्ञापन और प्रचार सामग्री प्राप्त होगी, जो कि पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
  3. विनियमन और मान्यता: इससे डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में मानक और विनियमन सुनिश्चित होंगे, जिससे कि फर्जी और अविश्वसनीय कंटेंट की समस्या को नियंत्रित किया जा सकेगा।

UP Social Media Policy 2024 नीति के तहत विज्ञापन पाने के लिए शर्तें

नई नीति के अनुसार, विज्ञापन प्राप्त करने के लिए डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंफ्लूएंसर्स को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:

  1. अस्तित्व की अवधि: आवेदनकर्ता के डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को कम से कम दो वर्षों से अस्तित्व में होना चाहिए।
  2. डिजिटल एनालिटिक्स रिपोर्ट: पिछले छह महीनों की डिजिटल मीडिया एनालिटिक्स रिपोर्ट प्रदान करनी होगी, जिससे उनकी सक्रियता और दर्शकों की संख्या का मूल्यांकन किया जा सके।
  3. कानूनी स्थिति: किसी भी आपराधिक मामले में संलिप्तता नहीं होनी चाहिए। आवेदनकर्ता को इस संबंध में एक शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
  4. सुसज्जित उपकरण: वीडियो, पोस्ट या अन्य कंटेंट निर्माण के लिए आवश्यक सभी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

नौकरी की योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, यूपी सरकार ने चार श्रेणियों में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंफ्लूएंसर्स के लिए भुगतान सीमा निर्धारित की है:

फेसबुक:

  • श्रेणी A: ₹5 लाख (10 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी B: ₹4 लाख (5 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी C: ₹3 लाख (2 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी D: ₹2 लाख (1 लाख फॉलोअर्स के लिए)

एक्स (पूर्व में ट्विटर):

  • श्रेणी A: ₹5 लाख (5 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी B: ₹4 लाख (3 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी C: ₹3 लाख (2 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी D: ₹1 लाख (1 लाख फॉलोअर्स के लिए)

इंस्टाग्राम:

  • श्रेणी A: ₹5 लाख (5 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी B: ₹4 लाख (3 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी C: ₹3 लाख (2 लाख फॉलोअर्स के लिए)
  • श्रेणी D: ₹2 लाख (1 लाख फॉलोअर्स के लिए)

यूट्यूब:

  • श्रेणी A: ₹8 लाख (10 लाख सब्सक्राइबर्स के लिए)
  • श्रेणी B: ₹7 लाख (5 लाख सब्सक्राइबर्स के लिए)
  • श्रेणी C: ₹6 लाख (2 लाख सब्सक्राइबर्स के लिए)
  • श्रेणी D: ₹4 लाख (1 लाख सब्सक्राइबर्स के लिए)

विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ

उत्तर प्रदेश की इस नई नीति पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे ‘भाजपाई घूस’ करार दिया है, और आरोप लगाया है कि यह जनता के टैक्स के पैसे से आत्म प्रचार का नया तरीका है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसे सच को दबाने का एक और तरीका बताते हुए इसकी आलोचना की है। उनके अनुसार, यह नीति लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों को कुचलने की कोशिश है।

सरकार की स्थिति

उत्तर प्रदेश सरकार ने विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज किया है और कहा है कि इस नीति का उद्देश्य डिजिटल मीडिया के माध्यम से जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार और आम जनता तक प्रभावी जानकारी पहुंचाना है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अभद्र टिप्पणी के लिए आजीवन कारावास का कोई प्रस्ताव नीति में नहीं है, और यह जानकारी पूरी तरह से भ्रामक है।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश की डिजिटल मीडिया नीति-2024 प्रदेश के डिजिटल मीडिया परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत है। यह नीति न केवल डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी प्रचार को भी सुनिश्चित करती है। हालांकि, इसके साथ ही इसके विभिन्न पहलुओं पर विपक्ष द्वारा की गई आलोचनाएँ भी इस नीति की भविष्यवाणी को प्रभावित कर सकती हैं।

समग्र रूप से, यह नीति डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ती है और भविष्य में इसके प्रभावों की निगरानी और मूल्यांकन महत्वपूर्ण होगा।

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